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कफ सीरप प्रकरण में अब फर्मों के संचालकों की पुलिस कर रही तलाशPolice are now searching for the operators of the firms in the cough syrup case.

 नशे के कारोबार पर चोट करने वाली सोनभद्र पुलिस अब उनकी तलाश कर रही है, जिनके नाम पर फर्म संचालित होती थी।

झारखंड के रांची में रहकर प्रतिबंधित कोडिनयुक्त सीरप का काला कारोबार करने वाला मास्टर माइंड वाराणसी निवासी भोला प्रसाद जायसवाल गिरफ्तार हो चुका है, लेकिन जिन फर्मों को उसने सीरप की बिक्री किया उनके संचालकों को अब पुलिस तलाश रही है।


राबर्ट्सगंज कोतवाली के बरकरा गांव में पोखरे के पास दो वर्ष पूर्व खुले मेसर्स मां कृपा मेडिकल के संचालक सत्यम कुमार जायसवाल व मेसर्स शिविक्षा फार्मा के संचालक विजय गुप्ता आपस में सगे भाई हैं और वाराणसी के निवासी हैं। कफ सीरप की बरामदगी के बाद से ही दोनों आरोपित फरार हैं।

इसके अलावा भी कई ऐसे फर्म संचालक हैं, जिनके जरिए करोड़ों रुपये का कारोबार हुआ है। उन सभी को जनपद पुलिस ने चिह्नित करना शुरू कर दिया है ताकि उनकी गिरफ्तारी की जा सके।

बता दें कि लंबे समय से कोडीनयुक्त न्यू फेंसाडील सीरप का प्रयोग गैर चिकित्सकीय परामर्श के नशे के रुप में भी किया जाता है। उसकी तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही थी लेकिन पहली बार सोनभद्र पुलिस ने 18 अक्टूबर को दो कंटेनर में 1.20 लाख कप सीरप बरामद कर पूरे मामले की परत खोलनी शुरू की।

पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर रणधीर कुमार मिश्रा का कहना है कि कप सीरप की तस्करी के लिए स्लीपर सेल जैसा नेटवर्क तैयार किया गया है। जिस भोला प्रसाद जायसवाल को गिरफ्तार किया गया है, उसके खिलाफ पूर्वांचल के कई जिलों में मुकदमा दर्ज हुआ है।

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