भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के सभागार में शुक्रवार को एक ऐतिहासिक क्षण दर्ज हुआ, जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नवचयनित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए। यह सिर्फ एक नियुक्ति वितरण कार्यक्रम नहीं था, बल्कि प्रदेश में सुशासन और पारदर्शिता के नए युग की शुरुआत थी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि सरकार ने पहली बार देश में ऐसी ऑनलाइन पारदर्शी प्रणाली लागू की है, जिसमें किसी तरह के भ्रष्टाचार, सिफारिश या गड़बड़ी की कोई गुंजाइश ही नहीं बचती। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन के सबसे निचले स्तर-ग्राम पंचायत-पर काम करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को राज्य की सर्वोच्च संस्थान विधानसभा में नियुक्ति पत्र देना अपने-आप में एक ऐतिहासिक कदम है, जो इस बात का प्रतीक है कि सरकार व्यवस्था को मजबूत करने और मेहनत को सम्मान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रेरित करते हुए कहा कि कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यशोदा मैया का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह भगवान कृष्ण को उनके बचपन में शिक्षा और संस्कार मिले, आंगनवाड़ी भी बच्चों को उसी तरह जीवन की पहली सीख देने का पवित्र स्थान है। इसलिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन वे पूरी निष्ठा और समर्पण से करें। कार्यक्रम के दौरान नवनियुक्त कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को विधानसभा की कार्यवाही का अवलोकन भी कराया गया ताकि उन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और शासन व्यवस्था की गहराई से समझ मिल सके। विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने पारदर्शी और ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए सरकार की सराहना करते हुए कहा कि यह सुशासन का उत्कृष्ट उदाहरण है और मध्यप्रदेश ने पूरे देश के लिए एक आदर्श स्थापित किया है।
समारोह में मंत्री निर्मला भूरिया, पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस, अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई और प्रमुख सचिव जीवी रश्मि उपस्थित रहे। अर्चना चिटनिस ने नवचयनित कार्यकर्ताओं को कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार बने रहने की शपथ दिलाई, जबकि मंत्री निर्मला भूरिया ने संबोधन में बताया कि यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि सरकार प्रशासनिक सुधारों को लेकर कितनी गंभीर है। प्रदेश में कुल 19,250 रिक्त पदों के लिए लगभग 4 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से लगभग 12,075 पदों के लिए चयन प्रक्रिया पूरी कर नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए हैं। यह देश का पहला ऐसा मॉडल है जिसमें नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी तरीके से संपन्न हुई। इस डिजिटल पद्धति में दस्तावेज गुम होने, हेरा-फेरी, मानवीय त्रुटि या किसी तरह की अनियमितता की संभावना पूरी तरह समाप्त हो गई है
अब चयन सौ प्रतिशत मेरिट आधार पर हो रहा है। साथ ही दावा-आपत्ति और अपील की ऑनलाइन सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है ताकि किसी भी उम्मीदवार के साथ अन्याय न हो। नई नियुक्तियों के बाद प्रदेश सरकार प्रतिमाह लगभग 14 करोड़ रुपये मानदेय के रूप में वितरित करेगी, जिससे बड़ी संख्या में महिलाओं को आर्थिक मजबूती और सम्मानजनक आजीविका का अवसर मिलेगा। कार्यक्रम के अंत में नवनियुक्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए अभिनंदन पत्र भेंट किया और भरोसा दिलाया कि वे प्रदेश के भविष्य-इसके नन्हें बच्चों-को सुरक्षित, स्वस्थ और संस्कारित करने के लिए पूरी लगन से कार्य करेंगी। यह कार्यक्रम न सिर्फ नियुक्ति वितरण का आयोजन था, बल्कि यह इस बात का प्रमाण भी था कि यदि राजनीतिक इच्छाशक्ति मजबूत हो, तो सरकारी व्यवस्था ईमानदारी, पारदर्शिता और दक्षता के रास्ते पर आगे बढ़ सकती है।
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