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20 साल का सफर और 2 लाख का आंकड़ा, कभी 4 साल तो कभी एक ही दिन में ₹10 हजार की छलांग; चांदी की कीमतों का चौंकाने वाला पूरा इतिहासA 20-year journey and a figure of 2 lakhs, sometimes a jump of ₹10,000 in 4 years, sometimes in a single day; the shocking complete history of silver prices.

 17 नवंबर 2005 का दिन। चांदी पहली बार 12 हजार रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंची थी। उस दौर में शायद ही किसी निवेशक या कारोबारी ने यह कल्पना की होगी कि आने वाले 20 साल में यही चांदी 2 लाख रुपए प्रति किलो का आंकड़ा भी पार कर जाएगी। लेकिन 12 दिसंबर को चांदी ने 2 लाख रुपए से ऊपर पहुंचकर इतिहास रच दिया और यह साबित कर दिया कि कीमती धातुओं में चांदी का सफर कितना उतार-चढ़ाव भरा और हैरान करने वाला रहा है।


पिछले दो दशकों के आंकड़ों पर नजर डालें तो चांदी की चाल बेहद दिलचस्प रही है। कभी ऐसा समय भी आया जब 10 हजार रुपए की बढ़त दर्ज करने में चांदी को चार साल से ज्यादा का वक्त लग गया। वहीं, कुछ मौकों पर यही 10 हजार रुपए की तेजी सिर्फ एक ही कारोबारी दिन में देखने को मिली। यानी चांदी ने निवेशकों को धैर्य की परीक्षा भी ली और कई बार अचानक रफ्तार पकड़कर सबको चौंका भी दिया।

अगर हालिया हालात की बात करें तो MCX पर मंगलवार, 16 दिसंबर को चांदी की कीमतों में हल्की गिरावट दर्ज की गई। 5 मार्च 2026 डिलीवरी वाली चांदी में करीब 0.59 फीसदी की गिरावट आई और भाव 1,161 रुपए टूट गया। शाम 5 बजे तक चांदी 1,96,740 रुपए प्रति किलो के स्तर पर ट्रेड कर रही थी। इस दौरान इसका ऊपरी स्तर 1,97,708 रुपए और निचला स्तर 1,94,260 रुपए रहा। इससे एक दिन पहले यानी सोमवार को चांदी 1,97,901 रुपए पर बंद हुई थी।

वहीं, इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन यानी IBJA के आंकड़ों में भी चांदी की कीमत में मामूली कमजोरी देखने को मिली। सोमवार को एक किलोग्राम चांदी का भाव 1,92,222 रुपए था, जो मंगलवार शाम तक घटकर 1,91,975 रुपए रह गया। हालांकि बाजार के जानकारों का कहना है कि यह गिरावट अस्थायी है और नए साल में चांदी की कीमतों में फिर से जोरदार तेजी देखने को मिल सकती है।

कमोडिटी एक्सपर्ट्स के अनुमान इस तेजी को और मजबूत करते हैं। अजय केडिया के मुताबिक आने वाले साल में चांदी 2,20,000 रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकती है। वहीं मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटी रिसर्च हेड नवीन दमाणी का मानना है कि चांदी की तेजी लंबी अवधि तक जारी रह सकती है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर सप्लाई डेफिसिट लगातार बढ़ रहा है। उनके अनुसार 2026 की पहली तिमाही में चांदी 2 लाख रुपए के आसपास रह सकती है और अगले साल के अंत तक 2.40 लाख रुपए प्रति किलो तक भी पहुंच सकती है।

इसके अलावा प्रोइंटेलिट्रेड सर्विसेज का अनुमान है कि चांदी 2.50 लाख रुपए के आंकड़े को भी छू सकती है। वहीं चार्टएनट्रेड डॉट कॉम का आकलन थोड़ा सतर्क है और उनका मानना है कि चांदी की कीमतें 2.20 लाख रुपए तक ही सीमित रह सकती हैं।

कुल मिलाकर पिछले 20 साल का आंकड़ा यह साफ दिखाता है कि चांदी सिर्फ एक धातु नहीं, बल्कि एक ऐसा एसेट बन चुकी है जिसने वक्त के साथ निवेशकों को चौंकाया है। कभी लंबा इंतजार, तो कभी एक ही दिन में हजारों की छलांग, और अब 2 लाख के पार का सफर, चांदी की कहानी आने वाले समय में भी उतनी ही रोमांचक रहने वाली है।

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