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आतंकवाद को फिर से पनपने का मौका नहीं देना चाहिएTerrorism should not be given a chance to flourish again.

 .विभास श्रीरसागर

दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके को लेकर कई जानकारियां सामने आ रही हैं। हालांकि अभी तक सरकार ने इसकी पुष्टि नहीं की है कि यह आतंकी वारदात है, लेकिन संकेत ऐसे ही हैं। क्या यह देश को अस्थिर करने की कोई साजिश है? अगर यह साजिश है, तो NIA को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई गुनहगार न बचे। एजेंसी को मंगलवार को इस वारदात की जांच सौपी गई।जानकारियों के मुताबिक, इस घटना का लिंक कथित तौर पर पुलवामा से जुड़ रहा है। गौर करने वाली बात है कि धमाके से पहले सुरक्षा एजेंसियों ने एक टेरर मॉड्यूल का खुलासा किया था, जिसकी शुरुआत जम्मू-कश्मीर से हुई थी और फिर हरियाणा और यूपी तक तार जुड़ते चले गए। अभी यही माना जा रहा है कि दिल्ली धमाकों का मुख्य संदिग्ध पुलवामा निवासी उमर मोहम्मद है। वह उसी कार को ड्राइव कर रहा था, जिसमें धमाका हुआ।

सरकार इस मामले में बेहद सावधानी से आगे बढ़ रही है और राष्ट्रीय सुरक्षा व संवेदनशीलता को देखते हुए यह जरूरी भी है। सामान्य धारणा है कि आतंकी समूह कम पढ़े-लिखे और समाज से कटे युवाओं को निशाना बनाते हैं, क्योंकि उन्हें बरगलाना आसान होता है। लेकिन, टेरर मॉड्यूल में डॉक्टरों की गिरफ्तारी होना खतरनाक ट्रेंड है।

अभी दिल्ली ब्लास्ट और पहले की हुई गिरफ्तारियों में कोई सीधा संबंध मिलना बाकी है, लेकिन इससे इंटेलिजेंस पर सवाल तो खड़े ही होते हैं। जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े लोग राजधानी के पास रहकर साजिश रचते रहे, 2900 किलो विस्फोटक जमा कर लिया और भनक तक नहीं लगी! अगर इस खुलासे में और देर हो जाती, तो क्या पता देश एक बड़ी त्रासदी से गुजर रहा होता।सतर्कता जरूरी: दिल्ली में आखिरी बड़ा आतंकी हमला सितंबर 2011 में हुआ था

, जब हाई कोर्ट के बाहर हुए बम विस्फोट में 11 मौतें हुई थीं और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे। इसके बाद छिटपुट घटनाएं हुईं, पर जान का नुकसान नहीं हुआ। वहीं, जम्मू-कश्मीर को छोड़कर देश के बाकी हिस्सों में भी आतंकी गतिविधियों में कमी आई है। Global Terrorism Index भी बताता है कि भारत में हालात बेहतर हुए हैं, जबकि आतंकी गतिविधियों में पड़ोसी पाकिस्तान दुनिया में दूसरे नंबर पर है। लेकिन, यह शांति तभी बनी रह सकती है, जब एजेंसियां लगातार अलर्ट मोड में रहें। आतंकवाद को फिर से पनपने का मौका नहीं देना चाहिए। साथ ही, खुफिया तंत्र को भी इस तरह से काम करना चाहिए कि ऐसे अपराध न हो सकें।

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