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छिंदवाड़ा में बच्चे की मौत के बाद बड़ी कार्रवाई, सात आयुर्वेदिक दवाओं पर लगी रोक Major action taken after child's death in Chhindwara, seven Ayurvedic medicines banned

 

छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में आयुर्वेद की सात दवाओं को जांच में अमानक पाया गया है। इनकी बिक्री पर रोक लगा दी गई है। यह कार्रवाई एक बच्चे की मौत की घटना के बाद की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि बच्चे को आयुर्वेदिक दवा देने के बाद उसकी हालात ज्यादा बिगड़ी।

इससे पूर्व छिंतवाड़ा समेत तीन जिलों में विभाक्त कफ सीरप से हुई 24 बच्चों की मौत के बाद दो एलोपैथिक कफ सीरप कोल्डि्रफ और नेक्स्ट्रो डीएफ को प्रतिबंधित किया गया था। जिले के बिछुआ कस्बा निवासी संदीप मिनोट की पांच महीने की बच्ची सर्दी-खांसी से पीडि़त थी।उन्होंने एक मेडिकल स्टोर संचालक की सलाह पर बच्ची को कासामृत सीरप और 16 पुडि़या में पाउडरनुमा दवाएं दी थीं। इससे बच्ची की हालत और बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।

शिकायत के बाद आयुष विभाग ने आयुर्वेद की कुछ दवाओं के सैंपल जांच के लिए भेजे थे। इनमें कासामृत सीरप, गिलोय सत्व, कामदुधा रस, प्रवाल पिष्टी, मुक्ता शक्ति भस्म, लक्ष्मी विलास रस व कफ कुठार रस दवाएं अमानक पाई गईं। जिला आयुष अधिकारी डा. प्रमिला यावतकर ने बताया कि इन दवाओं के बैच क्रमांक की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है।

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