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माओवाद के आतंक का अंत... मारा गया खूंखार कमांडर हिड़मा; झीरम घाटी सहित 26 घातक हमलों का जिम्मेदारThe end of Maoist terror... Dreaded commander Hidma, responsible for 26 deadly attacks, including the Jhiram Valley, killed.

 देश में चल रहा माओवाद के खिलाफ अभियान अब अपने अंतिम दौर में है। माओवाद के ताबूत में एक और कील के रूप में सुरक्षा बल के जवानों में हिड़मा को मार गिराया है। छत्तीसगढ़ के सुकमा और आंध्र प्रदेश की सीमा पर मंगलवार को जारी मुठभेड़ में सुरक्षाबल के जवानों ने 6 माओवादियों को मार गिराया है। इसमें कुख्यात माओवादी हिड़मा भी शामिल है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुठभेड़ में हिड़मा, उसकी पत्नी राजे और 25 लाख का इनामी माओवादी एसजेडसीएम टेक शंकर मारा गया है। यह इनकाउंटर सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी सफलता बतायी जा रही है। आंध्र-प्रदेश की ग्रे-हांउड टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है।


हिड़मा की पत्नी भी ढेर

बता दें कि माड़वी हिड़मा को सबसे खूंखार नक्सलियों में गिना जाता है। हिड़मा कई नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड रहा है, जिसमें आम नागरिकों समेत 26 सुरक्षाबलों की मौत हो गई थी। हिड़मा पर पुलिस ने 50 लाख रुपये का इनाम रखा था। हिड़मा के अलावा उसकी पत्नी राजे की भी एनकाउंटर में मौत हो गई है।

कौन था माड़वी हिड़मा?

हिड़मा का जन्म 1981 को सुकमा जिले में हुआ था। पीपुल्स लिब्रेशन की गुरिल्ला बटालियन का नेतृत्व करने के बाद वो सीपीआई-माओवादी की केंद्रीय कमेटी का सदस्य बन गया था। हिड़मा बस्तर इलाके से इस कमेटी का अकेला सदस्य था। झीरम घाटी हमले के बाद हिड़मा का नाम पहली बार चर्चा में आया था। इसके बाद हिड़मा ने लगातार कई नक्सली हमलों को अंजाम दिया और दशकों तक उसके नाम की दहशत पूरे इलाके में देखने को मिलती थी।

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