विटामिन डी, जिसे आमतौर पर सिर्फ हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी माना जाता है, असल में हार्ट हेल्थ, ब्लड प्रेशर कंट्रोल, कैंसर की रोकथाम और प्रतिरक्षा प्रणाली में अहम भूमिका निभाता है. सूर्य के प्रकाश से नेचुरल तरीके से मिलने वाला यह विटामिन आज की व्यस्त जीवनशैली के कारण लोगों को प्राप्त नहीं हो पा रहा है. ऐसे में, आइए जानें कि विटामिन डी की कमी से होने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं.
विटामिन D की कमी से 17 प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के एक शोध के अनुसार, विटामिन डी की कमी से सत्रह प्रकार के कैंसर हो सकते हैं. इससे स्तन, प्रोस्टेट और कोलन कैंसर का खतरा विशेष रूप से बढ़ जाता है. कैंसर के अलावा, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, ऑटोइम्यून रोग और पेरियोडोंटल रोग भी इसकी कमी से जुड़े जोखिम हैं.
बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर: विटामिन डी ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने वाली RAAS प्रणाली को संतुलित करता है. इसकी कमी होने पर, RAAS हाइपरएक्टिव हो जाता है, जिससे ब्लड वेसेल्स सिकुड़ जाती हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है.
धमनियों में प्लाक: इस विटामिन की कमी से धमनियों में प्लाक का निर्माण तेज हो जाता है, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. प्लाक एक चिपचिपा पदार्थ है जो फैट, कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम और खून में पाए जाने वाले अन्य पदार्थों से बना होता है. समय के साथ, यह आपकी धमनियों की दीवारों के अंदर जमा होकर उन्हें संकरा और सख्त बना सकता है. इससे ब्लड फ्लो कम हो जाता है और गंभीर जटिलताएं पैदा हो सकती हैं.
खराब कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि: विटामिन डी के निम्न स्तर के कारण एलडीएल (खराब वसा) का स्तर बढ़ सकता है, एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) का स्तर कम हो सकता है, तथा ट्राइग्लिसराइड्स में वृद्धि हो सकती है.
हृदय अतालता: अध्ययनों से पता चलता है कि विटामिन डी की कमी से हृदय ताल में गड़बड़ी और अचानक हार्ट अटैक हो सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि विटामिन डी की कमी सीधे तौर पर हृदय रोग का कारण नहीं बनती, लेकिन इससे इंसुलिन प्रतिरोध, सूजन और बिगड़ा हुआ लिपिड चयापचय जैसे जोखिम कारक बढ़ सकते हैं.
किसे अधिक खतरा है?
वे लोग जो सूर्य के प्रकाश के संपर्क में कम आते हैं.
बुजुर्ग लोग.
जिनकी त्वचा का रंग गहरा होता है.
जो लोग मोटे हैं या जिन्हें पाचन संबंधी समस्याएं हैं.
हमें कितने विटामिन डी की आवश्यकता है?
नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिसिन 1-70 वर्ष की आयु के लोगों के लिए प्रतिदिन 600 IU विटामिन डी (ज्यादातर खाद्य पदार्थों से) और 71 वर्ष और उससे अधिक आयु के वयस्कों के लिए प्रतिदिन 800 IU विटामिन डी की सिफारिश करती है.
सूर्य के प्रकाश के अलावा, विटामिन डी केवल वसायुक्त मछली, अंडे की जर्दी और फोर्टिफाइड उत्पादों में ही प्राकृतिक रूप से पाया जाता है. इसलिए, विशेषज्ञ स्पष्ट करते हैं कि आहार स्रोतों, सुरक्षित सूर्य के प्रकाश और, यदि आवश्यक हो, तो पूरक आहार के माध्यम से पर्याप्त विटामिन डी का स्तर बनाए रखना स्वस्थ हृदय बनाए रखने के लिए आवश्यक है.

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