पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती अब राज्य सरकार की गाय संरक्षण नीति पर मोर्चा खोलने जा रही हैं। शराब नीति के खिलाफ अभियान चलाने के बाद अब वे बुधवार से ‘गौ संवर्धन अभियान’ की शुरुआत करेंगी। यह अभियान करीब डेढ़ साल तक चलेगा। उमा भारती ने पहले सरकार की शराब नीति पर खुलकर विरोध जताया था, जिसके बाद सरकार को अहातों को बंद करने का निर्णय लेना पड़ा था।
अब उनका कहना है कि सरकार की वर्तमान गाय संरक्षण नीति में कई खामियां हैं और इसे सुधारने की जरूरत है।महिलाओं को लाड़ली बहना योजना के तहत मिलें दो गायेंउमा भारती ने सुझाव दिया है कि सरकार को लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत महिलाओं को दो-दो गायें देने की व्यवस्था करनी चाहिए। इससे एक ओर महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण मिलेगा, वहीं दूसरी ओर गौ-संवर्धन को भी बढ़ावा मिलेगा।
जिले में एक ही गौशाला पर्याप्तउन्होंने कहा कि गायों की रक्षा के लिए हर गाँव में गौशाला बनाने की आवश्यकता नहीं है। इसके बजाय हर जिले में एक मुख्य गौशाला होनी चाहिए, जबकि गायों की देखभाल की जिम्मेदारी किसानों को सौंपी जानी चाहिए। इस जिम्मेदारी के बदले किसानों को आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए।
सरकार की नीति पर सवालसरकार वर्तमान में पूरे प्रदेश में नई गौशालाएँ बनाने को बढ़ावा दे रही है, लेकिन उमा भारती का मानना है कि इससे वास्तविक संरक्षण नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि गायों को प्राकृतिक वातावरण में रहना चाहिए और किसानों की भूमिका इसमें सबसे अहम हो सकती है। उमा भारती का यह नया अभियान प्रदेश में एक बार फिर राजनीतिक हलचल पैदा कर सकता है, क्योंकि शराब नीति पर उनके अभियान के बाद सरकार को पहले ही बड़े फैसले लेने पड़े थे।

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