_ट्रक वाले इलाके में मंत्री, विधायक, एमआईसी, पार्षद, नगर अध्यक्ष के आवास.._
.मौत किसी को नही आ रही नज़र
_मंत्री सिलावट, पार्षद मृदुल, अध्यक्ष मिश्रा चितावद रोड पर रह रहे, आंखों के सामने समस्या_
_क्षेत्रीय विधायक गोलू शुक्ला का 'सेवा सदन' नवलखा पर, एमआईसी मनीष मामा का इलाका भी यहीं
_प्रतिदिन आते जाते देखते है ट्रकों की आवाजाही, कई दुर्घटनाओं के बाद भी ट्रक हड़ताल पर 'मौनी बाबा' बने हुए नेता_
_सांसद लालवानी के लिए एयरपोर्ट की अहमियत, 'सड़क इंजीनियरिंग' से दूर_
_एमआईसी शर्मा क़भी क्षेत्र में ट्रकों की रोक के लिए करते थे आंदोलन, अब चुप्पी साधे बेठे हुए_
_हैरत की बात हैं कि यमदूत बन शहर की सड़कों व रहवासी इलाकों में आ-जा रहें ट्रक व भारवाहक वाहनों पर लगी रोक के मसले पर सत्तारूढ़ दल भाजपा के नेताओ का मौन लगातार बरकरार हैं। ख़ासकर ये ख़ामोशी उन नेताओं की खल रही हैं, जिन्हें जनता ने चुना हैं। सबसे ज़्यादा चुप्पी तो उन जनप्रतिनिधियों की अखर रही हैं, जिनका आवास, दफ़्तर, कार्यक्षेत्र ही ट्रक वाले इलाक़े में हैं। यानी नवलखा, चितावद रोड, आनंद नगर, पालदा, लोहामंडी, सपना संगीता वाले ट्रकों की आवाजाही वाला क्षेत्र। ट्रक हड़ताल, ट्रांसपोर्ट व माल बुकिंग की तालाबंदी के असर का ये ही शहर का बड़ा इलाका है और इसी हिस्से में सत्तारूढ़ भाजपा के नामचीन नेताओं की नियमित आवाजाही है। लेक़िन सबके सब एकदम चुप है। इनके मुंह से एक हर्फ़ भी नही निकल रहा। जबकि ये रोज अपनी आंखों के सामने से मौत बनकर मंडरा रहें भारवाहको को देख रहे हैं।_
नितिनमोहन शर्मा
_मंत्री तुलसी सिलावट, क्षेत्रीय विधायक गोलू शुक्ला ' राकेश, एमआईसी सदस्य मनीष शर्मा ' मामा ' पार्षद मृदुल अग्रवाल, भाजपा नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा अहम हैं। इसके अलावा भी कई नामचीन नेताओ के ठिये-ठिकाने मौत बनकर घूम रहे इन ट्रकों के इलाक़े में है जो भंवरकुआं से लेकर नवलखा व तीन इमली पालदा से लेकर जूनी इंदौर-स्नेह नगर तक फैला हुआ है। बावजूद इसके सब इस तरह बेखबर बने हुए हैं, जैसे ये इनकी नही किसी और के इलाक़े की समस्या हैं। इन नेताओ के मुंह से एक हर्फ़ भी नही निकल रहा। जबकि है रोज अपनी आंखों के सामने से मौत बनकर मंडरा रहें भारवाहको को देख रहे हैं। पुलिस व जिला प्रशासन पर हड़ताली ट्रक मालिकों, ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों व माल बुकिंग करने वालों के जबरिया बनाये जा रहें दबाव को भी ये नेता दूर खड़े देख रहें हैं।
_मन्त्री तुलसी सिलावट ने चितावद रोड से जुड़े आनंद नगर में अपना नया भव्य आशियाना बनाया हैं। ये इंदौर शहर में ट्रकों की आवाजाही का सबसे बड़ा सेंटर है। मंत्री सिलावट का पूर्व में सपना संगीता वाले घर तक की आमद भी नवलखा, अग्रसेन चौराहा व छावनी मंडी से ही थी। ये भी ट्रकों के आने जाने का अहम इलाका है। लेक़िन मज़ाल है कि हड़ताल के बाद भी मंत्री महोदय इस मुद्दे पर कोई समन्वय करते नज़र आना तो दूर, उनके मुंह से एक बोल भी नही फूट रहें। जबकि मंत्री का दिन में कई बार इस इलाके से सायरन बजाते हुए आनाजाना होता है।_
_इलाके के विधायक गोलू शुक्ला ने अपना क्षेत्रिय कार्यालय हाल ही में इसी भारवाहको की आवाजाही के केंद्र नवलखा चौराहे पर शुरू किया है। वे और उनकी टीम दिनभर यहां सक्रिय है। वैसे शुक्ला का निवास क्षेत्र मरीमाता चौराहा, बाणगंगा व सांवेर रोड भी ट्रकों की भरमार का इलाका हैं। परिवार भी ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़ा है लेक़िन ' सनातनी विधायक ' भी कुछ नही बोल रहे कि जनता की जान जरूरी है या ट्रकों का शहर के अंदर आना आवश्यक है??_
_ये ही हाल नगर निगम की महापौर परिषद के सदस्य मनीष मामा का है। आमतौर पर जनहित के मुद्दे पर सदैव मुखर व बात बात में सड़क पर उतर जाने वाले 'मामा', ट्रकों पर लगीं की रोक मामले में 'बेहोश' से हैं। जबकि शर्मा इस मुद्दे पर कई बार आंदोलन कर चुके हैं और खूब ज्ञापन भी दिए। पर उनका एमआईसी बनना, इलाके की जनता के लिये शायद नुकसानदेह हो गया। अन्यथा वे ' मामा ' होकर क्षेत्र के भांजे भांजियों, बहन-बहनोई की जान से जुड़े मुद्दे पर बोलते नही?_
_भाजपा में ऐसा माना जाता है कि पार्टी नगर अध्यक्ष का पद सांसद, विधायक से बढ़कर होता है लेक़िन चितावद इलाक़े में रहने वाले सुमित मिश्रा की बेबाक़ी भी अब तक इस मसले पर सामने नही आई। 'गुमनाम' से पार्षद मृदुल अग्रवाल भी चुप है। सांसद शंकर लालवानी की प्राथमिकता में ' सड़क इंजीनियरिंग ' नही, एयरपोर्ट की सुविधाएं हैं। वे विमानतल की सुख सुविधाओं पर तो जब तब मुखर है लेक़िन ट्रकों से हो रही आमजन की मौत पर सबकुछ जानते हुए ' भोले ' बने बैठे हैं।_
_सत्तारूढ़ दल के नेताओं की इस चुप्पी के कारण शहर में ट्रक वालों व ट्रांसपोर्ट कारोबारी व बीच शहर से माल बुकिंग करने वालों का हड़ताल के रूप में दबाव प्रभाव बना हुआ है। इसके कारण शहर का कारोबार प्रभावित हो रहा हैं।_
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