भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) ने भारतीय नौसेना को 'माहे नामक पहला स्वदेशी एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी) सौंप दिया है। यह युद्धपोत आठ ऐसे जहाजों की सीरीज का पहला जहाज है, जो पूरी तरह से स्वदेशी डिजाइन और निर्माण पर आधारित है। इस डिलीवरी ने नौसेना की तटीय जल क्षेत्रों में पनडुब्बी-रोधी क्षमताओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
डिलीवरी समारोह बुधवार को कोच्चि में आयोजित किया गया। स्वीकृति दस्तावेज पर सीएसएल के निदेशक (ऑपरेशंस) डॉ. एस. हरिकृष्णन और माहे के कमांडिंग ऑफिसर (डिजाइनेट) कमांडर अमित चंद्रा चौबे ने हस्ताक्षर किए। समारोह में वेस्टर्न नेवल कमांड के चीफ स्टाफ ऑफिसर (टेक्निकल) रियर एडमिरल आर. अधि श्रीनिवासन, कोच्चि के वारशिप प्रोडक्शन सुपरिंटेंडेंट कमोडोर अनुप मेनन सहित नौसेना और शिपयार्ड के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सीएसएल के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह जहाज डेट नोस्र्के वेरिटास (डीएनवी) के वर्गीकरण नियमों के अनुसार डिजाइन और निर्मित किया गया है। यह नौसेना का सबसे बड़ा युद्धपोत है जो डीजल इंजन और वाटर जेट प्रोपल्शन सिस्टम से संचालित होता है, जो उथले जल में गति, चपलता और परिचालन लचीलापन प्रदान करता है।
युद्धपोत की विशेषताएं
आईएनएस माहे' की लंबाई 78 मीटर है और यह उथले जल क्षेत्रों में एंटी-सबमरीन ऑपरेशंस, माइन- लेइंग, खोज एवं बचाव कार्यों तथा कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों के लिए डिजाइन किया गया है। जहाज में आधुनिक सेंसर, एडवांस संचार प्रणालियां और कम साउंड सिग्नेचर वाली तकनीकें लगाई गई हैं, जो पनडुब्बी शिकार में प्रभावी साबित होंगी। इससे नौसेना की तटीय सुरक्षा और एंटी-सबमरीन वारफेयर क्षमताएं काफी मजबूत होंगी।
सरकारी 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के अनुरूप, इस युद्धपोत में 90 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है। अधिकांश सामग्री, मशीनरी, सेंसर और ऑनबोर्ड सिस्टम भारतीय निर्माताओं से प्राप्त किए गए हैं, जो देश की रक्षा औद्योगिक क्षमता की परिपक्वता को दर्शाता है।
महत्वपूर्ण उपलब्धि
सीएसएल के प्रवक्ता ने कहा, "माहे की डिलीवरी भारतीय नौसेना के स्वदेशीकरण प्रयासों में एक और मील का पत्थर है। एसडब्ल्यू एसडब्ल्यू सी श्रृंखला के जहाजों की शामिल गी से नौसेना की उथले जल में पनडुब्बी-रोधी क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।" यह जहाज न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि भारत को उन्नत स्वदेशी युद्धपोत निर्माण में वैश्विक स्तर पर मजबूत बनाएगा।
श्रृंखला के शेष सात जहाज सीएसएल में विभिन्न निर्माण चरणों में हैं और आने वाले वर्षों में चरणबद्ध तरीके से डिलीवर किए जाएंगे। कोचिन शिपयार्ड, जो आईएसओ 9001, 14001, 45001 और 27001 मानकों से प्रमाणित है, यह भारत का प्रमुख शिप बिल्डिंग और मरम्मत यार्ड है। हाल ही में, शिपयार्ड ने पेला जिक विंड सर्विसेज के लिए एक कमीशनिंग सर्विस ऑपरेशन वेसल और ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के लिए सबसे बड़ा स्वदेशी ड्रेजर भी लॉन्च किया है।

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